नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील हो नहीं पाई है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 1 अगस्त से भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25 फीसदी का टैरिफ लगा चुके हैं. रूस से तेल खरीदने पर धमकियां दे रहे हैं. इधर, भारत की प्राइवेट कंपनियां लगातार रूस में कच्चे तेल के ऑर्डर पंच कर रही हैं. शेयर बाजार डांवाडोल स्थित में है. आने वाले दिनों में स्थिति क्या होगी, किसी को भी पता नहीं. लेकिन इसी बीच भारत सरकार की ओर से कहा गया है कि अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर हम सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं.
वाणिज्य राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने 5 अगस्त को लोकसभा में लिखित जवाब देकर बताया कि भारत और अमेरिका के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) पर बातचीत चल रही है. जितिन प्रसाद ने कहा कि इसका मकसद दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना, रोजगार के नए अवसर बनाना और राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करना है.
इस बयान से कुछ घंटे पहले भारत ने ट्रंप के एक सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. ट्रंप ने धमकी दी थी कि अगर भारत रूस से तेल खरीदता रहेगा, तो वह भारत पर भारी टैरिफ लगा देंगे. उनका आरोप था कि भारत रूस से सस्ता तेल खरीदकर युद्ध के दौरान मुनाफा कमा रहा है. हालांकि, ट्रंप प्रशासन ने यह साफ नहीं किया कि ये अतिरिक्त शुल्क कितने होंगे या किन वस्तुओं पर लगेंगे.
भारत और अमेरिका के बीच इस व्यापार समझौते पर मार्च 2025 से बातचीत शुरू हुई थी. अब तक पांच दौर की बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें आखिरी बैठक जुलाई में हुई. हालांकि, 1 अगस्त से पहले एक छोटे पैमाने के समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश असफल रही, क्योंकि कुछ मुद्दों पर मतभेद रह गए, खासकर कृषि पर.
ट्रंप ने 30 जुलाई को यह भी कहा था कि भारत पर 25% तक का आयात शुल्क लगाया जाएगा. साथ ही रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने पर अलग से जुर्माना भी लगाया जा सकता है…