अहमदाबाद प्लेन क्रैश की गुत्थी अब सुलझने वाली है. ब्लैक बॉक्स पर बड़ा अपडेट सामने आया है. जांचकर्ताओं ने 12 जून को अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया प्लेन के ब्लैक बॉक्स से डेटा रिकवर कर लिया है. क्रैश हुए एयर इंडिया प्लेन के फ्रंट ब्लैक बॉक्स से डेटा प्राप्त कर डाउनलोड कर लिया गया है. मेमोरी मॉड्यूल को भी सफलतापूर्वक एक्सेस किया गया है. फिलहाल, पूरे मामले की जांच जारी है.
दरअसल AAIB और NTSB ने ब्लैक बॉक्स और CVR का डेटा निकालना शुरू किया कर दिया है. मेमोरी मॉड्यूल से डेटा सफलतापूर्वक एक्सेस और डाउनलोड किया गया है. मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन के मुताबिक, सीवीआर और एफडीआर डेटा का विश्लेषण जारी है. इसका मकसद दुर्घटना की वजहों का पता लगाकर भविष्य की सुरक्षा मजबूत करना है.
दरअसल, 24 जून को नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने कहा था कि 12 जून को अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया विमान के ब्लैक बॉक्स की जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है. उन्होंने इस अटकल को खारिज कर दिया था कि इसे जांच के लिए विदेश भेजा जाएगा. लंदन जाने वाला एयर इंडिया का विमान सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद अहमदाबाद क्रैश हो गया था. इसमें 241 यात्रियों सहित 270 लोगों की मौत हो गई थी. एक यात्री बच गया.
13 जून को मिला था ब्लैक बॉक्स
एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान का ब्लैक बॉक्स 13 जून को घटनास्थल से बरामद किया गया था. ब्लैक बॉक्स एक छोटा उपकरण होता है जो उड़ान के दौरान विमान के बारे में जानकारी रिकॉर्ड करता है. यह विमानन दुर्घटनाओं की जांच में मदद करता है. हादसे के बाद सरकार ने कहा कि घटना के बाद हादसे के कारणों की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय पैनल का गठन किया गया था. और जांच सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है.
ब्लैक बॉक्स को कब दिल्ली लाया गया?
• 24 जून 2025 को दोनों ब्लैक बॉक्स को वायुसेना के विमान द्वारा अहमदाबाद से दिल्ली लाया गया.
• पहला ब्लैक बॉक्स DG, AAIB के साथ दोपहर 2:00 बजे AAIB लैब, दिल्ली पहुंचा.
• दूसरा ब्लैक बॉक्स शाम 5:15 बजे AAIB की दूसरी टीम द्वारा दिल्ली लाया गया.
अभी क्या हो रहा?
• 24 जून की शाम से DG, AAIB के नेतृत्व में AAIB और NTSB के तकनीकी सदस्यों ने डेटा एक्सट्रैक्शन की प्रक्रिया शुरू की.
• 25 जून को फ्रंट ब्लैक बॉक्स के क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) से मेमोरी मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से निकाला गया और डेटा को सफलतापूर्वक डाउनलोड किया गया.
अब आगे क्या होगा?
• CVR और FDR डेटा का विश्लेषण जारी है.
• इसका उद्देश्य दुर्घटना की घटनाओं का विश्लेषण करना है और कारणों की पहचान कर भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाना है.