बड़े-बड़े ‘सूरमाओं’ की एंट्री, 90 के दशक से फेमस, फ्लैट नंबर 601 का डार्क सीक्रेट कर देगा हैरान!

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पटना. बिहार की राजधानी पटना के पॉश इलाके में स्थित उदयगिरी अपार्टमेंट का बी ब्लॉक, फ्लैट नंबर 601 इन दिनों खूब चर्चा में है. दरअसल चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड के मास्टरमाइंड अशोक साव सहित तीन लोगों की इस फ्लैट से गिरफ्तारी ने पूरे शहर में सनसनी फैला दी है. कोतवाली थाने के ठीक बगल में स्थित यह वीआईपी अपार्टमेंट पहले भी नब्बे के दशक में कुख्यात अपराधी अशोक सम्राट के कारण चर्चा में रहा था। करीब तीन दशक बाद यह फ्लैट फिर से अपराध की वजह से विवादों के केंद्र में है.

फ्लैट 601 का काला इतिहास

उदयगिरी अपार्टमेंट में कुल 80 फ्लैट हैं, और बी ब्लॉक का फ्लैट नंबर 601 हमेशा से किराये पर रहता रहा है. 1990 के दशक में कुख्यात अपराधी अशोक सम्राट इसी फ्लैट में रहता था, जिसके बाद यह फ्लैट शांत रहा. लेकिन 7 जुलाई 2025 को पटना पुलिस की छापेमारी ने इसे फिर से चर्चा में ला दिया. फ्लैट के मालिक केके झुनझुनवाला मुंबई में रहते हैं, जबकि पिछले दो साल से 70 वर्षीय अशोक साव इसमें किरायेदार के रूप में रह रहा था. साव, जो नालंदा के बिहारशरीफ का निवासी है, पहले लोहा व्यापारी था और हाल के वर्षों में स्क्रैप और रियल एस्टेट से जुड़ा था

सोसायटी के निवासियों के लिए अशोक साव एक शांत और सामान्य व्यक्ति था. उनकी पत्नी का निधन आठ साल पहले हो चुका है. उनकी बेटी और दामाद फतुहा में गल्ला व्यापारी हैं, जबकि बेटा पुणे में अच्छी नौकरी करता है. सोसायटी के लोगों ने बताया कि साव से कभी कोई शिकायत नहीं थी, और फ्लैट 601 को लेकर कोई विवाद नहीं हुआ. लेकिन, पुलिस ने जब गोपाल खेमका हत्याकांड में साव को मास्टरमाइंड बताया, तो सभी हैरान रह गए. साव ने शूटर उमेश यादव को 3.3 लाख रुपये की सुपारी दी थी, और उसका बेउर जेल में बंद गैंगस्टर अजय वर्मा से संबंध सामने आया.

सोसायटी में सख्ती का फैसला

इस घटना ने उदयगिरी अपार्टमेंट की सोसायटी को झकझोर दिया है. निवासियों ने बताया कि फ्लैट 601 अक्सर किराये पर रहता था, जिससे रहवासियों का किरायेदारों से कम मेलजोल था. अब सोसायटी ने नए किरायेदारों के लिए पुलिस वेरिफिकेशन अनिवार्य करने और नियमावली बनाने का फैसला किया है. सोसायटी के सचिव ने कहा, “हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएंगे.”