भारतीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में अहमदाबाद एयर इंडिया प्लेन क्रैश के लिए फ्यूल कंट्रोल स्विच को ही मुख्यतौर पर जिम्मेदार माना था. एएआईबी की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन का फ्यूल कंट्रोल स्विच लगातार संदेह के दायरे में है. शायद यही वजह है कि अहमदाबाद क्रैश के बाद डॉयरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने सभी बोइंग एयरक्राफ्ट के फ्यूल कंट्रोल स्विच की जांच करने के निर्देश दिए थे.
वहीं, इस बाबत एयर इंडिया का कहना है कि एयरलाइंस ने अपने सभी बोइंग 787 प्लेन्स के फ्यूल कंट्रोल स्विच (एफसीएस) के लॉकिंग मैकेनिज्म की जांच पूरी कर ली है. जांच के दौरान कोई कोई खामी नहीं पाई गई. एयर इंडिया के साथ-साथ लो-कॉस्ट कैरियर एयर इंडिया एक्सप्रेस ने भी अपने सभी बोइंग 737 प्लेन्स की जांच पूरी की है. दोनों एयरलाइंस ने जांच डीजीसीए के 14 जुलाई 2025 को जारी निर्देशों के तहत किया है. खास बात यह है कि एयर इंडिया ने 12 जुलाई से ही स्वेच्छा से इस जांच को शुरू कर दिया था और डीजीसीए द्वारा तय समय सीमा के भीतर इसे पूरा कर लिया है. एयर इंडिया ने एक बार फिर साफ किया है कि उनके लिए पैसेंजर्स और क्रू मेंबर्स की सेफ्टी सर्वोपरि है.
एएआईबी की रिपोर्ट में क्रैश के लिए फ्यूल कंट्रोल स्विच जिम्मेदार माना गया था. एएआईबी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा भी किया गया था कि बोइंग के 737 एयरक्राफ्ट में पहले भी फ्यूल कंट्रोल स्विच के डिसइंगेज होने की घटनाएं हो चुकी हैं, जिसको लेकर अमेरिकी फेडरल एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) ने एक बुलिटेन भी जारी किया था. एआई171 के क्रैश के बाद यह संभावना जताई जा रही है कि तकनीकी खामी के चलते प्लेन का अमेरिकी फेडरल एडमिनिस्ट्रेशन अपने आप रन से कटऑफ में चला गया था. जिसकी वजह से इंजन में फ्यूल सप्लाई रुक गई और यह प्लेन उड़ान भरते ही क्रैश हो गया…