2 राज्‍यों को मिलेगा यूके ट्रेड डील का सबसे ज्‍यादा लाभ, खुल जाएगा 50000 करोड़ का बाजार…

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नई दिल्‍ली. भारत और यूनाइटेड किंगडम (यूके) के लिए आज यानी गुरुवार का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ है. भारत को पहला ऐसा व्‍यापारिक साझेदार मिल गया है, जिसके साथ किसी भी तरह के व्‍यापार पर कोई आयात शुल्‍क नहीं लगेगा. दोनों देशों ने मुक्‍त व्‍यापार समझौते (FTA) पर हस्‍ताक्षर कर दिए हैं और इसे लागू भी कर दिया गया है. यह समझौता वैसे तो दो देशों के बीच हो रहा है, लेकिन इसका सबसे ज्‍यादा लाभ देश के 2 राज्‍यों को होगा, जहां झींगा मछली का सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन होता है.

भारत और यूके के बीच बिना टैरिफ का व्‍यापार शुरू होने से भारतीय झींगा मछली की डिमांड और बढ़ेगी, जिससे ब्रिटेन के 50 हजार करोड़ रुपये के समुद्री उत्‍पाद बाजार में भारतीय प्रोडक्‍ट की एंट्री और बढ़ जाएगी. भारत में झींग मछली का उत्‍पादन वैसे तो कई तटीय राज्‍यों में होता है, लेकिन सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन आंध्र प्रदेश में होता है. इस राज्‍य में देश के कुल झींगा मछली उत्‍पादन का 50 से 60 फीसदी पैदा होता है. दूसरे नंबर पर आता है ओडिशा, जो कुल उत्‍पादन का 20 फीसदी से भी ज्‍यादा झींगा मछली पैदा करता है. जाहिर है कि यूके के बाजार में झींगा मछली की डिमांड बढ़ने पर सबसे ज्‍यादा लाभ दोनों राज्‍यों को ही होगा.
यूके और भारत के बीच मुक्‍त व्‍यापार समझौते के बाद 99 फीसदी उत्‍पादों पर टैरिफ शून्‍य हो गया है. इसमें कई तरह के समुद्री उत्‍पाद भी आते हैं, जिसमें झींगा मछली की हिस्‍सेदारी सबसे ज्‍यादा है. यूके में समुद्री उत्‍पादों का बाजार करीब 50 हजार करोड़ का है, जहां भारतीय प्रोडक्‍ट को अब प्रतिस्‍पर्धा करने में आसानी होगी और अपने प्रोडक्‍ट की पहुंच भी बढ़ा सकेंगे. भारत से हर साल बड़ी मात्रा में फ्रोजेन झींगा मछली का निर्यात यूके को होता है. 

भारत ने 2023-24 में यूके को 50 से 70 हजार टन झींगा मछली का निर्यात किया था. हालांकि, भारत के समुद्री उत्‍पाद का निर्यात 1,781,602 था, जिसमें 7.16 लाख टन सिर्फ झींगा मछली थी. यह कुल समुद्री उत्‍पाद का करीब 40 फीसदी हिस्‍सा है, जबकि मूल्‍य के लिहाज से 66 फीसदी हिस्‍सा है. भारत हर साल 40 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा के समुद्री उत्‍पादों का निर्यात करता है. उसका सबसे ज्‍यादा निर्यात अमेरिका करीब 3 लाख टन, चीन 1.48 लाख टन और यूरोपीय संघ 90 हजार टन होता है.

वर्तमान में यूके भारतीय समुद्री उत्‍पादों पर 8 फीसदी से ज्‍यादा टैरिफ लगाता है. झींगा मछली पर यूके का टैरिफ 8.5 फीसदी के आसपास है. एफटीए के बाद यह टैरिफ पूरी तरह खत्‍म हो जाएगा और इसका सीधा लाभ उत्‍पादकों को मिलेगा. आंध्र प्रदेश, ओडिशा, केरल और तमिलनाडु जैसे राज्‍यों से झींगा मछली का सबसे ज्‍यादा निर्यात होता है. इन राज्‍यों के लिए यूके के 50 हजार करोड़ के झींगा मछली बाजार का लाभ उठाने का अवसर और खुल जाएगा…