2022 में धांधली से जीते, 2027 में हटा देंगे… अखिलेश यादव ने योगी सरकार के साथ ही चुनाव आयोग को भी घेरा, पटना तक भेजा ये संदेश…

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लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव में कथित धांधली का आरोप लगाया और कहा कि 2027 में हम सत्रक हैं और इस सरकार को  हरा देंगे. इतना ही नहीं बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और आरजेदी के तेजस्वी यादव को भी बड़ा मैसेज भेजा। अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाकर बिहार के वोटर लिस्ट के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन को अपना सन्देश भी दिया. अखिलेश यादव ने योगी सरकार के पर्यावरण और शिक्षा नीतियों की भी आलोचना की. साथ ही उन्होंने योगी सरकार के आंतरिक मतभेदों को उजागर किया. साथ ही, उन्होंने सांस्कृतिक सम्मान और स्वास्थ्य के महत्व पर जोर देते हुए सपा शासनकाल की उपलब्धियों का जिक्र किया.

अखिलेश ने दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बेइमानी की, जिसके कारण सपा की हार हुई. उन्होंने कहा, “अगर हमें 1 लाख 50 हजार वोट ज्यादा मिले होते, तो हम जीत जाते. 2022 में जो सरकार बनी, वो गलती से बनी. तभी तो इनका काम में दिल नहीं लग रहा.” उन्होंने 18,000 वोटर्स की सूची का हवाला दिया, जिनके वोट कथित तौर पर काटे गए.
उन्होंने अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनाव का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां एक बुजुर्ग ने पांच वोट डाले, और शिक्षा विभाग के “सबसे भ्रष्ट अधिकारी” की ड्यूटी लगाई गई. कुंदरकी और मीरापुर में पुलिस द्वारा वोट डालने के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, “कुंदरकी में अगर वोट देने का मौका मिले, तो बीजेपी एक लाख वोट से हारेगी.” उन्होंने इलेक्शन कमीशन पर भी सवाल उठाए, कहा कि “हर एक को उससे शिकायत है.
अखिलेश ने बीजेपी के ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान को महज इवेंट करार दिया. उन्होंने सरकार के दावे पर सवाल उठाया कि यूपी में 200 करोड़ पेड़ लगाए गए. “इन्होंने 200 करोड़ पेड़ों के लिए जमीन कहां चिन्हित की?” उन्होंने सपा शासनकाल की उपलब्धि गिनाते हुए कहा कि इटावा में 1 लाख 24 हजार पेड़ एक साथ लगाए गए थे. उन्होंने लखनऊ के लोहिया पथ, कालिदास मार्ग, और समतामूलक मार्ग पर सपा द्वारा लगाए गए पेड़ों का जिक्र किया. “गवर्नर हाउस के दाहिने हाथ के पेड़ हमारे लगाए हुए हैं. पारिजात का पेड़ हमारा सीधा है, चौधरी साहब का थोड़ा टेढ़ा.” उन्होंने फतेहपुर में महिलाओं द्वारा बनाए गए बांस के पुल को तोड़े जाने की भी निंदा की, जिसके कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे. 

अखिलेश ने यूपी के शिक्षा तंत्र पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “अयोध्या में बच्चों को कंपोजिट विद्यालय के लिए 5 किलोमीटर चलना पड़ता है. दुनिया में कहीं नहीं होता कि बच्चे पढ़ने जाएं और स्कूल बंद मिले.” उन्होंने बीजेपी के गुजरात मॉडल पर तंज कसते हुए कहा, “गुजरात में पुल टूटा, यही है उनका मॉडल.” साथ ही, उन्होंने यूपी में 700 करोड़ की लिंक रोड का जिक्र किया, जिसे उन्होंने बुनियादी ढांचे में कमी का प्रतीक बताया.
अखिलेश ने योगी सरकार में आंतरिक मतभेदों पर तंज कसा. उन्होंने कहा, “यहां दो मुख्यमंत्री एक साथ ऑफिस में बैठे थे. मंत्रियों और विभागों में झगड़ा चल रहा है. सूचना आयुक्त के विभाग में भी अधिकारी लड़ रहे हैं.” उन्होंने नंदी मामले का जिक्र करते हुए बीजेपी की एकता पर सवाल उठाए.
अखिलेश ने दावा किया कि 2027 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का जाना तय है. उन्होंने बीजेपी पर हर तरह की बेइमानी करने का आरोप लगाया और बिहार में चल रहे सियासी झगड़े का जिक्र किया. उन्होंने कार्यकर्ताओं से एकजुट रहकर जनता के मुद्दे उठाने का आह्वान किया. अखिलेश यादव के बयानों ने यूपी की सियासत में हलचल मचा दी है. उन्होंने बीजेपी पर चुनावी धांधली, पर्यावरण और शिक्षा नीतियों में विफलता, और आंतरिक कलह के आरोप लगाए. साथ ही, सपा के शासनकाल की उपलब्धियों को गिनाते हुए 2027 में सत्ता में वापसी का दावा किया. उनके बयान बीजेपी और सपा के बीच बढ़ते सियासी टकराव को दर्शाते हैं…