लखनऊ. 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के पीडीए को हिंदू एकजुटता से काटने की कोशिश की. उन्होंने ‘बंटोगे तो कटोगे, एक रहोगे तो सेफ रहोगे’ का नारा दिया. जिसके बाद प्रदेश में 9 सीटों पर हुए उपचुनाव में से बीजेपी ने सात सीटें जीत ली. इसमें कुंदरकी की वह सीट भी शामिल थी जो समाजवादी पार्टी की मजबूत गढ़ मानी जाती थी. लेकिन अब एक बार फिर मुख्यमंत्री 2027 से पहले सपा सरकार के दौरान बदहाल कानून-व्यवस्था को हवा देने में जुटे हैं, ताकि 2027 में जीत हैट्रिक लगा सकें. इतना ही नहीं बेहतर कानून-व्यवस्था और दंगा मुक्त प्रदेश के नारे से वे पीडीए को भी कमजोर करना चाहते हैं.
दरअसल, इन दिनों मुख्यमंत्री जहां भी जा रहे हैं वे इस बात का जिक्र करना नहीं भूलते कि पूर्व की सपा सरकार में प्रदेश की पहचान दंगों से होती थी. प्रदेश में संगठित अपराध और माफियाओं को बोलबाला था. बहन-बेटियां और व्यापारी असुरक्षित थे. प्रदेश में कोई निवेश नहीं आ रहा था. वह यह भी कहना नहीं भूलते कि पिछली सरकारों की उपलब्धि क्या थी? जातीय संघर्ष कराकर, परिवारवाद के नाम पर एक जनपद-एक माफिया देना ही पिछली सरकारों की उपलब्धि रही है. मुख्यमंत्री का दावा है कि आज प्रदेश सुरक्षित हैं. बड़ी-बड़ोई कंपनियां निवेश कर रही हैं, जिससे लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है.
मुख्यमंत्री यह भी बताते हैं कि किस तरह से उनके करीब आठ साल के शासन काल में अपराधियों, गुंडों, माफियाओं की कमर तोड़ दी गई. आज बेटियों से छेड़खानी करने वालों का सामना यमराज से हो रहा है. वे यह भी कहते हैं कि आज प्रदेश दंगा मुक्त है. उनके शासन काल में दंगे की कोई घटना नहीं हुई और यही राम राज की भी परिकल्पना थी…